खजूर की खेती के लिए सरकार दे रही है सब्सिडी , किसान कमा सकते है अब ज्यादा मुनाफा
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ,उद्दान विभाग किसानों को खजूर की खेती के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना में 17 जिलों का चयन किया गया है जो, ऑफशॉट और टिश्यू कल्चर तकनीक के जरिये खजूर की खेती करेंगे। इस योजना में खजूर की खेती करने के लिए किसानों को 75% सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को विभिन्न फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार किसानों को सब्सिडी प्रदान कर रही है , ताकि वो कम लागत पर फसल का उत्पादन कर सके। साथ ही सरकार फलो और सब्जियों के लिए भी सब्सिडी प्रदान कर रही है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना बाड़मेर , चूरू , सिरोही , जैसलमेर , श्रीगंगानगर , हनुमानगढ़ , जोधपुर ,पाली , जालोर ,नौगर ,बीकानेर और झुंझुनू जिलों में शुरू की जाएगी। यदि इन जिलों में को किसान खजूर की खेती करता है , तो उसे इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया जायेगा। इसमें टिश्यू और ऑफशॉट तकनीक से उत्पादित खजूर की फसल की रोपाई के लिए किसानों को 75% सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
खजूर की खेती के लिए इन तकनीकों का किया जायेगा इस्तेमाल
खजूर की खेती के लिए टिश्यू कल्चर और ऑफशॉट तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। इसमें किसानों को 0.5 से 4 हेक्टेयर की खेती के लिए किसानों को अनुदान दिया जायेगा। इन तकनीकों के द्वारा उगाये पौधे से खजूर के बगीचे तैयार किये जाते है। टिश्यू कल्चर तकनीक से उगाये गए पौधे लगाने पर किसानों को 3000 रुपया प्रति पौधा या इकाई लागत 75% अनुदान दिया जायेगा। यदि किसान ऑफशॉट तकनीक से खजूर की खेती करता है तो 1100 रुपया प्रति पौधा का 75% का मूल्य मिलेगा। खजूर के पौधे खरीदने के साथ साथ , खजूर की जड़ो के जमने पर 1500 रुपए का भी 75% मूल्य प्रदान किया जायेगा।
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प्रति हेक्टेयर में खजूर की बुवाई के लिए किसानों को 8 नर पौधे और 148 मादा पौधो की जरुरत पड़ेगी। खजूर की मादा किस्मों में शामिल है : बराही , मेडजूल , खद्राबी , खूनेजी , खलास , सागई और हलावी। यही नर किस्मों में केवल घानामी और अल इन सिटी पर ही सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
सरकार द्वारा रोपड़ सामग्री पर 70 -75 के साथ साथ एक नया बाग़ स्थापित करने करने के लिए लगभग 3.7 लाख रुपए से भी ज्यादा कीमत आती है। खजूर की फसल में बुवाई के 3 साल बाद फल आना शुरू हो जाते है। खजूर की फसल प्रति हेक्टेयर 3000 किलोग्राम के आस पास उत्पादित कर ली जाती है। किसान ताजे फलो को बेचकर एक हेक्टेयर में 4.8 लाख रुपए आसानी से कमा सकते है। पांच साल बाद खजूर की फसल की उपज ज्यादा हो जाती है , प्रति हेक्टेयर 10 -12 टन की उपज किसान खजूर की फसल से प्राप्त कर सकता है। बाजार भाव के जरिये किसान प्रति हेक्टेयर में 3.5 लाख रुपया का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है।